Copyright @Sunayana Kachroo तुम कहते हो कविता लिख दो मुझे ख़ून बहाना पड़ता है शब्दों की खींचा-तानी में नब्ज़ों का धागा कटता है ग़म के नोकीले नश्तर से दिल पर गुद्वाना पड़ता है बंजर कागज़ के सीने में खंजर बन जाना पड़ता है नज्मों-ग़जलों के झगडे से ज़ख्मो को छुड़ाना पड़ता है वह गली जहाँ [...]